प्रकृति को वैदिक काल से ही देवी देवता का दर्जा
Date
2025-06-06
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दैनिक जागरण
Dainik Jagran
Dainik Jagran
Abstract
Description
This news article is based on a statement made by Prof. Shrinivasa Varakhedi, Vice-Chancellor of the Central Sanskrit University, New Delhi, on the occasion of World Environment Day at the Janakpuri campus. He stated that in the Vedic tradition, nature is revered in the form of deities, which reflects the environmentally sensitive perspective of Indian culture. In the present time, it is essential to draw inspiration from the Sanskrit tradition for environmental balance, human culture, and holistic global development. He emphasized the need to integrate nature conservation into the core elements of education and culture.
यह समाचार लेख विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनकपुरी स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेडी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वैदिक परंपरा में प्रकृति को देवी-देवताओं के रूप में पूज्य स्थान प्राप्त है, जो भारतीय संस्कृति की पर्यावरण के प्रति संवेदनशील दृष्टि को दर्शाता है। वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलन, मानवीय संस्कृति और वैश्विक चतुर्दिक विकास के लिए संस्कृत परंपरा से प्रेरणा लेना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रकृति संरक्षण को शिक्षा और संस्कृति के मूल तत्त्वों में शामिल करने पर बल दिया।
यह समाचार लेख विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनकपुरी स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेडी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वैदिक परंपरा में प्रकृति को देवी-देवताओं के रूप में पूज्य स्थान प्राप्त है, जो भारतीय संस्कृति की पर्यावरण के प्रति संवेदनशील दृष्टि को दर्शाता है। वर्तमान समय में पर्यावरण संतुलन, मानवीय संस्कृति और वैश्विक चतुर्दिक विकास के लिए संस्कृत परंपरा से प्रेरणा लेना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रकृति संरक्षण को शिक्षा और संस्कृति के मूल तत्त्वों में शामिल करने पर बल दिया।
Keywords
विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति, वैदिक संस्कृति, CSU