Grand Inauguration of the 19th World Sanskrit Conference in Kathmandu, Nepal
Date
2025-06-25
Journal Title
Journal ISSN
Volume Title
Publisher
Central Sanskrit University, New Delhi
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
Abstract
Description
This report summarizes the grand inauguration of the 19th World Sanskrit Conference held on June 26, 2025 in Kathmandu, Nepal. Organized with support from Central Sanskrit University, it witnessed participation from over 5,000 scholars worldwide. Key speakers, including Prof. Shrinivasa Varakhedi and Swamiji Chinna Jeeyar, emphasized Sanskrit’s role in culture, education, and ethical AI. Nepal’s President praised Sanskrit’s heritage. Cultural performances and academic dialogue marked the event as a historic moment for the global Sanskrit community.
यह रिपोर्ट 26 जून 2025 को काठमांडू, नेपाल में आयोजित 19वें विश्व संस्कृत सम्मेलन के भव्य उद्घाटन का सार प्रस्तुत करती है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में विश्वभर से 5,000 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया। प्रमुख वक्ताओं प्रो. श्रीनिवास वरखेडी और स्वामी चिन्ना जीयर ने संस्कृति, शिक्षा और नैतिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता में संस्कृत की भूमिका पर बल दिया। नेपाल के राष्ट्रपति ने संस्कृत की विरासत की सराहना की। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और अकादमिक संवाद इस ऐतिहासिक आयोजन की विशेषताएँ रहीं।
यह रिपोर्ट 26 जून 2025 को काठमांडू, नेपाल में आयोजित 19वें विश्व संस्कृत सम्मेलन के भव्य उद्घाटन का सार प्रस्तुत करती है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में विश्वभर से 5,000 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया। प्रमुख वक्ताओं प्रो. श्रीनिवास वरखेडी और स्वामी चिन्ना जीयर ने संस्कृति, शिक्षा और नैतिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता में संस्कृत की भूमिका पर बल दिया। नेपाल के राष्ट्रपति ने संस्कृत की विरासत की सराहना की। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और अकादमिक संवाद इस ऐतिहासिक आयोजन की विशेषताएँ रहीं।
Keywords
World Sanskrit Conference, 19th Conference, Kathmandu, Central Sanskrit University, Kashinath Nyaupane, Professor Shrinivasa Varakhedi, Grand Opening Ceremony, Nepal, विश्व संस्कृत सम्मेलन, उन्नीसवाँ सम्मेलन, काठमांडू, नेपाल, प्रोफेसर काशीनाथ न्यौपाने, प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेडी, अभिनव कालिदास, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रो. दीप्ति त्रिपाठी